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    लाशें उगल रही शहडोल की बंद खदान, तीन और शव बरामद, अब तक 7 डेड बॉडी बरामद होने से सनसनी

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    मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में वर्षों से बंद पड़ी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की भूमिगत कोयला खदान को देखकर ऐसा लगता है मानो यह लाशें उगल रही हो। खदान से शनिवार शाम को तीन और युवकों के शव बरामद किए गए। एक दिन पहले शुक्रवार को खदान में चार युवकों के शव बरामद हुए थे। सभी कबाड़ निकालने की नीयत से खदान में घुसे थे। इनकी वहां जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आने के कारण मौत हो गई थी। शनिवार शाम को एकबार फिर बंद पड़ी भूमिगत खदान से पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीमों ने तीन और लाशें निकालीं। ये लोग भी कबाड़ निकालने के लिए खदान में घुसे थे। ये कई दिन से लापता थे। 

    दरअसल, कुछ दिन पहले इलाके के तीन लोगों के लापता होने की शिकायत पुलिस को मिली थी। आशंका जताई जा रही थी कि ये तीन लोग खदान में फंसे हो सकते हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी की जानकारी के बाद खदान में तीन और लोगों के फंसे होने की आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं। पुलिस ने इसी आशंका पर 28 जनवरी को एकबार फिर तलाशी अभियान चलाने का फैसला लिया। ऑपरेशन में SECL की पांच सदस्यीय रेस्क्यू टीमें खदान के भीतर भेजी गईं। मौके पर कलेक्टर श्रीमती वंदना वैध समेत एसडीएम, एडिशनल एसपी समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे। शहडोल और अनूपपुर का पुलिस बल भी तैनात था। तलाशी में तीन और लाशें बरामद की गईं। बीते दो दिन में खदान से सात युवकों के शव बरामद हो चुके हैं।

    मालूम हो कि शहडोल जिले में 26 जनवरी की रात को 5 लोग लोहा का कबाड़ निकालने के लिए बंद पड़ी भूमिगत खदान में घुसे थे। इनमें से 4 युवक सुरंग के भीतर घुस थे जबकि एक साथी बाहर रखवाली कर रहा था। चारों की भूमिगत खदान के भीतर जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई थी। बताया जाता है कि तकरीबन पौन घंटे तक जब अंदर घुसे चारों युवक लौटकर नहीं आए और अंदर से उनकी कोई हलचल भी नहीं सुनाई पड़ी तो बाहर खड़े युवक ने भाग कर अपने परिवार के लोगों को घटना की सूचना दी। बाद में खदान की तलाशी ली गई तो चार लोगों के खदान में मारे जाने की जानकारी सामने आई।  

    फौरन पुलिस और एसईसीएल प्रबंधन को इसकी सूचना दी गई। धनपुरी निवासी राज महतो, हजारी कोल, राहुल कोल, कपिल विश्वकर्मा की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई थी। बाहर तकवारी कर रहे सिद्धार्थ महतो की जान बच गई थी। मौके पर पहुंची शहडोल पुलिस और SECL की रेस्क्यू टीम ने चारों शवों को बाहर निकाला था। मालूम हाे कि एसईसीएल सोहागपुर एरिया की धनपुरी यूजी माइन को 2018 में बंद कर दिया गया था। खदान के भीतर मटेरियल पहुंचाने के लिए कोल साइडिंग के पास लगभग 200 मीटर लंबी सुरंग थी। उसे भी 2018 में ही कंक्रीट से बंद कर दिया गया था। लेकिन कबाड़ के लिए लोगों ने इसे तोड़ दिया था। पिछले कई महीनों से वहां से कबाड़ जुटाने का काम चल रहा था।

    प्रत्यक्षदर्शी सेवक ने आशंका जाहिर की थी कि मनोज पादरी, रोहित, राजेश मिश्रा भी खदान में ही फंसे हो सकते हैं। इन तीनों की गुमशुदी की रिपोर्ट संबंधित थानों में दर्ज कराई गई थी। पुलिस अधीक्षक प्रतीक कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि तीन लोग और नहीं मिल रहे हैं। इनके खदान में फंसे होने की आशंका जताए जाने के बाद प्रशासन ने तलाशी अभियान चलाया। करीब पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद एसईसीएल की बचाव टीम ने शनिवार शाम लगभग साढ़े सात बजे खदान से तीन और शवों को बाहर निकाला।

    अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य ने कहा कि एसईसीएल बुढ़ार ग्रुप प्रबंधन ने बंद खदान का मुहाना बंद करने में समुचित सावधानी नहीं बरती थी। जहरीली गैस के रिसाव एवं बंद खदान की सार्वजनिक सूचना के साथ चेतावनी बोर्ड नहीं लगाये गये थे। यही नहीं खदान की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात किए जाने की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। पुलिस ने लापरवाही के आरोप में धारा 304 ए के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं, मामले में लापरवाही के आरोप में पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। शहडोल जिले के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बीट प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक गुलाम हुसैन और थाना प्रभारी धनपुरी निरीक्षक रत्नांबर शुक्ला को थाना धनपुरी से हटाकर पुलिस लाइन में भेज दिया है।

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