कड़ी सुरक्षा और कड़ाके की ठंड के बीच जम्मू-कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (DDC) के चुनावों के लिए पहले फेज की वोटिंग हो रही है। कुछ जगहों पर वोटिंग की रफ्तार धीमी है, लेकिन दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के करेरवा जैसे इलाकों में वोट डालने के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। दूसरी तरफ अगले फेज में चुनाव लड़ने वाले कुछ गैर भाजपा कैंडिडेट आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें बंधकों की तरह रखा जा रहा है और प्रचार नहीं करने दिया जा रहा।
DDC की 43 सीटों के लिए वोटिंग, पहली बार 1.5 लाख पाक रिफ्यूजी भी मतदान कर रहे
पहले फेज की वोटिंग में आज करेरवा के एक वोटर ने कहा कि यह दूरदराज का इलाका है। हम अपने इलाके के विकास के लिए वोट डालने आए हैं। दूसरे वोटर ने कहा अब तक हमसे सिर्फ वादे किए जाते थे, लेकिन इस बार हम जमीनी स्तर पर विकास के लिए वोट डाल रहे हैं। पहली बार वोट डाल रहे शौकत अहमद ने कहा कि हमारी पहचान का सवाल है, इसलिए मैं सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ वोट डालूंगा।
DDC के चुनाव 8 फेज में होने हैं। 40 प्रत्याशियों को सिक्योरिटी के नाम पर श्रीनगर के सरहदी इलाके में स्थित एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (EDI) कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। गुपकार डिक्लेरेशन गठबंधन के प्रत्याशियों उनका आरोप है कि उन्हें प्रचार करने और वोटर्स से मिलने के लिए बिल्डिंग से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा
कैंडिडेट का आरोप- जानवरों जैसा सलूक किया जा रहा
पुलवामा के लितर इलाके में 10 दिसंबर को वोटिंग होनी है। यहां से चुनाव लड़ रहे जावेद निरोला को भी EDI कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। जावेद ने कहा, ‘मुझे यहां जबरन रखा गया है। अपने इलाके के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है। गुरुवार से यहां बंधकों की तरह रह रहे हैं। मैंने कहा था कि मैं अपने परिवार से अलग नहीं रहना चाहता, मुझे सुरक्षा की कोई दिक्कत नहीं है। मेरे विपक्षी प्रचार कर रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी जा रही। हमसे जानवरों जैसे सलूक किया जा रहा है।’
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