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    HomeDharmअकोला शहर में धूमधाम से की गयी गोवर्धन पूजा।

    अकोला शहर में धूमधाम से की गयी गोवर्धन पूजा।

    दिवाली (Diwali) के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहते हैं।

    गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं। इस साल दिवाली 14 नवंबर को सेलिब्रेट की गई, ऐसे में गोवर्धन पूजा आज यानी 15 नवंबर को है।

    गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा-

    मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं। 

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