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    आतंकियों से नहीं, नेताओं से की जाती है बातचीत; पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान को दिया करारा झटका

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    पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बातचीत के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वार्ता आतंकवादियों से नहीं, बल्कि राजनेताओं से होती है। मीडिया की एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई है। समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान अब खुद राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की मांग कर रहे हैं। खान ने सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सात सदस्यीय एक दल का गठन किया है। 

    इसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। नौ मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शुरू की गई कार्रवाई से ‘पीटीआई’ के अस्तित्व को लेकर खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद से कई प्रमुख नेता ‘पीटीआई’ को छोड़ चुके हैं। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं। अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किये जाने के बाद हिंसक विरोध शुरू हो गया था। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के विरोध में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 12 सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी हमला किया था। 

    बातचीत की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने ट्विटर पर कहा कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है। उन्होंने कहा, ”शहीदों के स्मारक जलाने और देश को आग लगाने वाले आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों के समूह से कोई बातचीत नहीं होगी।” सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा, ”देश पर हमला करने वालों को दंडित किया जाता है; उनके साथ बातचीत नहीं की जाती है।” मरियम ने कहा कि शहीदों के स्मारक में तोड़फोड़ करने वालों से बातचीत करना ”शहीदों का अपमान है”। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस, अस्पतालों और स्कूलों को जलाने तथा युवाओं के दिमाग में जहर घोलने के बाद खान बातचीत चाहते हैं, उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी। 

    उन्होंने कहा, ”इमरान ने बातचीत का आह्वान तब किया है जब उनकी पार्टी के कई नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया है।” गरीबी उन्मूलन मंत्री एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता शाजिया मर्री ने कहा कि नौ मई के बाद उत्पन्न हुई स्थिति के लिए खान जिम्मेदार हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रवक्ता हाफिज हमदुल्ला ने भी खान को नौ मई के हमलों का षड्यंत्रकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा है। 

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