चक्रवात के गुजर जाने के बाद अब उसका असर दिखाई दे रहा है। कहीं-कहीं बारिश शुरू हो चुकी है। इस बीच अनुमान है कि बारिश के साथ ही अब बर्फबारी भी होगी जो कि कंपकंपी और बढ़ाएगी। अक्टूबर और नवंबर के ही रास्ते पर दिसम्बर भी चलेगा। दिसम्बर का आरंभ भी कड़ाके की सर्दी के साथ होने जा रहा है। मौसम के जानकारों ने चेताया है कि आने वाले सप्ताह में बारिश के साथ ही ठंड भी बढ़ सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार से रविवार तक हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है। बंगाल की खाड़ी में आए ईरानी चक्रवात निवार अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ कि एक और चक्रवात के दस्तक देने की संभावना बन गई है। मौसम विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर जन्म ले चुका है जिसके अगले 36 घंटे के दौरान डीप डिप्रेशन में बदलने के आसार हैं। फिर अगले 24 घंटे में यह और ताकवर हो सकता है। इससे एक बार फिर दक्षिण भारत में भारी आधी-बारिश की संभावना है। दो दिसंबर को दक्षिण भारत में इसका असर ज्यादा दिखने का अनुमान है। पहाड़ों में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड है। बर्फ से लदी पश्चिमी हिमालय से बहने वाली ठंडी हवाओं के कारण पारे में गिरावट आई है। मौसम विभाग ने पहले कहा था, ताजा पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित होने पर न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। ताजा अनुमान है कि 01 दिसंबर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम एवं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल पर 02 और 03 दिसंबर, 2020 को अलग-थलग स्थानों के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
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